Bank Reconciliation Statement आखिर क्या है? आइये जाने। bank reconciliation statement meaning

क्या आप एक Accounts के student है, तो आपने Bank reconcilation statement (BRS) के बारे में जरूर सुना होगा। आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि BRS क्या है? टैली में BRS का क्या उपयोग है और हम किस तरह टैली में bank reconcilation statement की एंट्री को करते है। bank statement entry in tally in hindi, इन सभी के बारे में आज मैं आपको बताने वाला हु,तो आइए जानते है।


Bank Reconciliation Statement आखिर क्या है? आइये जाने। bank reconciliation statement meaning

ऐसा statement जो एक निश्चित तारीख को हमारे यहाँ bank account के balance और bank statement के balance में पाए जाने वाले अंतर का समाधान करने के लिए बनाया जाता है,उसे ही हम bank reconciliation statement कहते है।

वैसे देखा जाए तो आज के time में अधिकतर लेन देन बैंक के माध्यम से किये जाते है।इन सभी transaction की accounting करने के लिए व्यपारी अपने यहाँ मतलब अपनी books में बैंक का एक एकाउंट खोलता है, और बैंक से संबंधित सभी transaction की एंट्री को उसी खाते में post करता है।इसी तरह बैंक भी अपने यहाँ customer का एक account खोलता है और उस खाते में customer से related सभी transactions की एंट्री को regular basis पर post करता है।

बैंक अपने customers को इस entries के विवरण की एक प्रति, एक निशचित अवधि के बाद देता है,ये निशचित अवधि प्रायः एक महीने की होती है ताकि customer अपनी transaction की जांच कर सके,इसी statement को हम bank statement कहते है।

हमारी account book में bank खाते का balance और bank द्वारा दिये गए bank statement का balance हमेशा मिलना चाहिए, क्योंकि दोनों में entry करने का आधार एक ही लेन देन से जुड़ा हुआ होता है पर व्यवहारिक तौर पर ऐसा नही होता है।

Bank statement का balance और हमारे यहाँ के bank account का balance सामान्य नही होता है।मतलब की दोनों के balance में कुछ न कुछ अंतर तो पाया ही जाता है, हमारी दोनों ही accounts books में मतलब हमारे यहाँ की accounts books में और bank के accounts books में balance अपने-2 जगह पर सही है,मगर फिर भी ये अंतर आ जाता है बस इसकी अंतर को दूर करने के लिए bank reconciliation statement बनाया जाता है।

Bank Reconciliation Statement के लाभ:- bank reconciliation statement rules

  • गलतियों का पता चलना।

  • छल कपट की जानकारी।

  • हमारे हिसाब में लेखा करने का आधार।

  • Bank के द्वारा की गई गलत entry की जानकारी होना।

टैली में bank reconciliation के option को kaise active करे,आइये जाने।

सबसे पहले आप Gateway Of Tally में जाये यहाँ पाए आपको Utilities का option दिखाई देगा,उस पर क्लिक करे,और अब banking के option पर click करे। फिर आप bank reconciliation के option में जाकर अपने bank account को select करके enter करे, आपकी bank reconciliation की window तुरंत खुल जाएगी।

इसमे हमारे bank के सारे transaction पूरे month के नजर आ रहे है। यहाँ पर अब आपके बैंक एकाउंट की जो statement है, वो list show हो जाएगी, अब आपने जो टैली में entries की हुई है, उन सभी entries को अपने बैंक statement से match कराये इसी procedure को हम bank ststement BRS के नाम से जानते है।

Concept of bank reconciliation Statement (BRS):- importance of bank reconciliation statement

Cash book बढ़ाने के लिए हम Debit करेगे।

Cash Book घटाने के लिए Credit करेगे।

      मगर बैंक वाले ऐसा नही करते है

Bank वाले बढ़ाने के लिए credit करते है।

Bank वाले घटाने के लिए Debit करते है।

Example:- शिवम शुक्ला ने बैंक में 20000 रुपये जमा करवाये तो बैंक के ऊपर कर्ज़ चढ़ गया 20000 रुपए का मतलब की 20000 रुपये बैंक को चुकाना पड़ेगा।

Liabilities को बढ़ाने के लिए Credit किया जाता है जो चीजे शिवम शुक्ला के लिए Assets है वो Bank के लिए Liabilities है।

BRS Concept 2:-

Cash book के balance को passbook के बैलेंस से मिला दो।

                                      (OR)

इस passbook के Balance को मिला दो cash book के balance से।

यही दो काम finally आपको BRS में करने होंगे।

BRS Concept 3:-

BRS Prepard:- इसको हम monthly basis पर बनाते है।

BRS के Differences:-

हमारे यहाँ Bank Account व Bank Statement में क्या अंतर आता है, उसका कारण जानना जरूरी है, आइये जानते है।

1:-हमारे यहाँ बैंक खाते मे तो Entry है मगर Bank Statement में नही है।

2:-Bank Statement में तो Entry है मगर हमारे यहाँ bank खाते में नही है।

1:-हमारे यहाँ बैंक खाते मे तो Entry है मगर Bank Statement में नही है।

(*) हमारे द्वारा चेक जारी किये गए मगर भुगतान के लिए प्रस्तुत नही किये गए।

(*) Collection हेतु बैंक में जमा किये गए चेक ड्राफ्ट आदि का collection ना होना।

(*) चेक हमारे यहाँ खाते में Debit किये गए किन्तु बैंक में collection/clearning हेतु जमा करना भूल गए।

2:-Bank Statement में तो Entry है मगर हमारे यहाँ bank खाते में नही है।

(*) बैंक द्वारा Debit किये गए व्यय।

(*) बैंक द्वारा दिया गया ब्याज।

(*) Customer द्वारा बैंक की सीधे भुगतान।

(*) Clearing हेतु चेक़ बैंक में जमा किये, किन्तु हमारे यहाँ बैंक एकाउंट में debit करना भूल गए।

कुछ important Bank Transaction Entries:-

  • Cash Deposite in Bank

  • Cash Withdrawn from Bank

  • Loan from Bank

  • Loan Repayment to Bank

Cash Deposite in Bank

cash deposite

Cash Withdrawn from Bank

Cash Withdrawn from Bank

Loan from Bank

Loan from Bank

Loan Repayment to Bank

Loan Repayment to Bank



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